तर्क, साइंस, व्यवहारिकता और सिस्टम के पैमानों पर आप इसे जो भी मानते हों, लेकिन उनके शिष्य हैं जो ये मानने को तैयार नहीं हैं कि वो अब ज़िंदा नहीं है. बल्कि उनके शिष्य इस महिला की इस हालत को समाधि का नाम देते हैं और ये भी कहते हैं कि अब से कुछ दिनों के बाद वो इस समाधि से खुद ब खुद बाहर आ जाएंगी.
इस भयानक गर्मी में किसी भी चीज़ को सुरक्षित रख पाना अपने-आप में एक चुनौती है. लेकिन पिछले 133 दिनों से एक साध्वी का शरीर एक ही जगह पर जस का तस रखा है. साध्वी के शिष्य इसे समाधि कहते हैं और उनके शरीर पर कोई रहस्यमयी लेप लगाते हैं। लेकिन क्या ये उसी लेप का कमाल है? या फिर क्लिनिकली डेड करार दी जा चुकी इन साध्वी का सच कुछ और है?